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17th March | Current Affairs | MB Books


1. भारत-फिनलैंड वर्चुअल शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 मार्च, 2021 को अपने फिनलैंड के समकक्ष सना मारिन (Sanna Marin) के साथ एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।

मुख्य बिंदु : इस वर्चुअल समिट में, दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम को कवर किया। उन्होंने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।

भारत-फिनलैंड संबंध (India-Finland Relations) : भारत और फ़िनलैंड के मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र और नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के साझा मूल्यों पर आधारित है। दोनों देश शिक्षा, व्यापार और निवेश, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, अनुसंधान और विकास के क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग करते हैं। दोनों देशों ने सामाजिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए एक क्वांटम कंप्यूटर के संयुक्त विकास के लिए भी सहयोग किया है। इसके अलावा, 100 से अधिक फिनिश कंपनियां भारत में सक्रिय रूप से लिफ्ट, दूरसंचार, मशीनरी और ऊर्जा सहित क्षेत्रों में काम कर रही हैं। इसके अलावा, लगभग 30 भारतीय कंपनियां फिनलैंड में आईटी, ऑटो-कंपोनेंट्स और आतिथ्य सहित विभिन्न सेक्टर्स में काम कर रही हैं।

पृष्ठभूमि : दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध वर्ष 1949 में स्थापित हुए थे। इसके बाद, ह्यूगो वल्वने भारत का दौरा करने वाले फिनलैंड के पहले दूत बने थे। फिनलैंड ने नई दिल्ली में अपना दूतावास स्थापित किया है और चेन्नई, बैंगलोर, मुंबई और कोलकाता में वाणिज्य दूतावास स्थापित किये हैं जबकि भारत का हेलसिंकी में एक दूतावास है।

आर्थिक संबंध : वर्ष 2014-15 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 1.247 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2016-17 तक यह 1.284 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। वर्ष 2016 में, फिनलैंड दुनिया भर में भारत का 60वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था, जबकि यूरोपीय संघ के भीतर यह 10वां सबसे बड़ा भागीदार था। इसी तरह से, भारत फिनलैंड का 23वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था।


2. भारत-जॉर्डन संयुक्त कार्य समूह की हुई बैठक

जनशक्ति के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत पहली भारत-जॉर्डन संयुक्त कार्य समूह (JWG) की बैठक 10 मार्च, 2021 को एक वीडियो सम्मेलन के माध्यम से आयोजित की गई।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (OIA-I) अब्बगानी रामू ने किया। जॉर्डन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अब्दुल्ला अल जबोर, संचालन मामलों के सहायक महासचिव, श्रम मंत्रालय, जॉर्डन के हसमाईट किंगडम द्वारा किया गया था।

उद्देश्य : भारत-जॉर्डन संयुक्त कार्य समूह की बैठक से इन दोनों देशों को श्रम और जनशक्ति सहयोग से संबंधित मुद्दों पर पारस्परिक चर्चा और समीक्षा करने का अवसर मिला।

मुख्य विशेषताएं :

• दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने श्रमिकों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए संस्थागत उपायों पर और श्रमिक मुद्दों का निपटान करने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की। • वे दोनों देशों के बीच सकुशल और सुरक्षित तरीके से लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने पर भी सहमत हुए। • ये दोनों पक्ष एक समिति बनाने के लिए भी सहमत हुए जिसमें श्रम मंत्रालय, जॉर्डन के हाशमाइट साम्राज्य और अम्मान, जॉर्डन में भारत के दूतावास के अधिकारी शामिल होंगे। • यह समिति समान मुद्दों के समाधान के लिए नियमित रूप से बैठक करेगी। • जॉर्डन के प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय श्रमिकों और पेशेवरों सहित क्षेत्रीय विकास में उनके योगदान के प्रति सकारात्मक भावना व्यक्त की। • इस बैठक का निष्कर्ष निकालते हुए, यह निर्णय लिया गया कि, अगली बैठक भारत में पारस्परिक रूप से सहमत तारीखों पर आयोजित की जाएगी।

भारत और जॉर्डन के आपसी संबंध :

• भारत और जॉर्डन ने वर्ष, 1947 में सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए अपने पहले द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते को वर्ष, 1950 में औपचारिक रूप दिया गया जब भारत एक गणराज्य बना और इसके बाद इन् दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित हुए। • इन दोनों देशों ने कई उच्च-स्तरीय यात्राओं का आयोजन किया है। प्रणब मुखर्जी अक्टूबर, 2015 में जॉर्डन जाने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति बने थे। • जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन ने फरवरी, 2018 में भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम द्वारा आयोजित सीईओ गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत में अपनी दूसरी यात्रा संपन्न की और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। • इराक, सऊदी अरब और चीन के बाद भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। इन दोनों देशों के बीच व्यापार वर्ष, 1976 के द्विपक्षीय समझौते के अनुसार प्रबंधित किया जाता है।


3. आयुष निर्यात संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद को सूचित किया कि आयुष मंत्रालय एक आयुष निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी) की स्थापना का पता लगाने के लिए हितधारक के साथ परामर्श कर रहा है। सरकार उन प्रक्रियात्मक चरणों की भी खोज कर रही है जो परिषद की स्थापना में शामिल होंगे।

मुख्य बिंदु : एक उत्तर में, मंत्री ने कहा, “फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की)” को वाणिज्य विभाग और भारतीय उद्योग के सदस्यों के साथ समन्वय करने का काम सौंपा गया है। आयुष मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली और हर्बल उत्पादों के व्यापार वर्गीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण और मानकीकरण का विस्तार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स द्वारा प्रदान की गई सिफारिशों की वर्तमान सरकार द्वारा जांच की जा रही है।

एचएस कोड : मंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आयुर्वेद, होम्योपैथिक, सिद्ध, यूनानी प्रणाली, सोवा रिग्पा, औषधीय पादप उत्पादों और हर्बल उत्पादों के अधिकांश उत्पादों की पहचान विशिष्ट एचएस कोड के तहत नहीं की जाती है। इस प्रकार, सरकार आयुष के लिए एचएस कोड के मानकीकरण के लिए कई कदम उठा रही है ताकि मूल्य और गुणवत्ता प्रतिस्पर्धा को प्राप्त किया जा सके जो बदले में निर्यात को बढ़ावा देगा। एचएस कोड ‘International Harmonised Commodity Description & Coding System’ है। यह कोड भाग लेने वाले देशों को सीमा शुल्क के प्रयोजनों के लिए सामान्य आधार पर व्यापार के सामान को वर्गीकृत करने की अनुमति देता है।

यह परिषद क्यों स्थापित की जा रही है? : आयुष उत्पाद दुनिया भर में लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं जिसके कारण आयुष उत्पादों के निर्यात में भी वृद्धि हुई है। इस प्रकार, भारत और दुनिया से बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए आयुष क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इस प्रकार, आयुष उत्पादों के निर्यात संबंधी पहलुओं के प्रबंधन के लिए निर्यात संवर्धन परिषद की स्थापना की जा रही है।


4. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को बचाने पर सुप्रीम कोर्ट का सुझाव

बिजली की लाइनों से टकराने के कारण मरने वाले पक्षियों की संख्या बढ़ने के बाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने गंभीर रूप से लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर अपना सुझाव दिया है। ये बिजली लाइलें गुजरात और राजस्थान राज्यों में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के प्राकृतिक आवास से गुजरती हैं।

मुख्य बिंदु : मुख्य न्यायाधीश शरद ए. बोबडे की अगुवाई वाली बेंच इस बात की जांच करेगी कि पक्षियों को बचाने के लिए ओवरहेड पावर लाइनों को भूमिगत केबल लाइनों से बदला जा सकता है या नहीं। अदालत ने एक वैकल्पिक तंत्र भी खोजा है जिसमे पक्षियों को बिजली लाइनों से दूर रखने के लिए फ्लाइट बर्ड डायवर्टर स्थापित किये जा सकते हैं, लेकिन यह एक लागत प्रभावी तरीका नहीं है।

इस मामले में, अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल बिजली मंत्रालय के लिए पेश हुए और उन्होंने कहा कि केवल लो वोल्टेज लाइनों को बदला जा सकता है लेकिन हाई वोल्टेज केबल्स को नहीं।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड : इंडियन बस्टर्ड का वैज्ञानिक नाम अर्डोटिस नाइग्रिसेप्स (Ardeotis nigriceps) है। यह पक्षी भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। यह एक विशाल पक्षी है, यह दिखने में शुतुरमुर्ग जैसा है। यह सबसे भारी उड़ने वाले पक्षियों में से एक है। यह पक्षी कभी भारतीय उपमहाद्वीप के सूखे मैदानों में आम था। लेकिन यह 2011 में इसकी सख्या घटकर 250 रह गयी जो 2018 में और घटकर 150 हो गयी। इस पक्षी को “गंभीर रूप से लुप्तप्राय” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित है।


5. NPCI ने लॉन्च किया BHIM UPI एप्लीकेशन पर “UPI-Help”

“नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI)” ने BHIM UPI एप्लीकेशन पर “UPI-Help” लॉन्च किया है। UPI-Help यूजर्स के लिए BHIM एप्लीकेशन पर शिकायत निवारण तंत्र के रूप में कार्य करेगा।

मुख्य बिंदु : यह एप्लीकेशन यूजर्स को लंबित लेनदेन की स्थिति की जांच करने और उन लेनदेन के खिलाफ शिकायतें दर्ज करने में मदद करेगा जो संसाधित नहीं हुए हैं या धन लाभार्थी तक नहीं पहुंचा है। यूजर्स व्यापारी लेनदेन के खिलाफ भी शिकायतें उठा सकते हैं। वर्तमान में, यह विंडो भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों के लिए BHIM एप्प पर खुली है। Paytm Payments Bank, TJSB सहकारी बैंक और अन्य भाग लेने वाले बैंकों के ग्राहक सहित अन्य ग्राहक भी बाद में UPI-Help का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM) : यह एक भारतीय मोबाइल भुगतान एप्प है। इस एप्प को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है। यह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) पर आधारित है। इस एप्प का नाम बी.आर. अंबेडकर के नाम पर रखा गया है। यह 30 दिसंबर, 2016 को लॉन्च किया गया था। यह एप्लीकेशन सीधे बैंकों के माध्यम से ई-भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। यह उन सभी भारतीय बैंकों का समर्थन करता है जो UPI का उपयोग करते हैं और इसे तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) के ऊपर बनाया गया है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) : यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो पूरे भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली का संचालन करता है। इसकी स्थापना दिसंबर, 2008 में हुई थी। इसे कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत किया गया है। इस संगठन की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक और भारतीय बैंक संघ द्वारा की गई थी। इसका स्वामित्व प्रमुख बैंकों के संघ के पास है।

एकीकृत भुगतान इंटरफेस (Unified Payments Interface-UPI) : यह एक त्वरित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है जिसे भारत के राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा विकसित किया गया है। यह इंटरफ़ेस इंटर-बैंक लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। यह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित है। दिसंबर 2020 तक UPI पर लगभग 207 बैंक उपलब्ध थे।


6. हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2020

हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट, 2020 को 16 मार्च, 2020 को जारी किया गया। इस रिपोर्ट में भारत में ‘न्यू मिडिल क्लास’ नामक नई घरेलू श्रेणी की पहचान की गई है, जिसमें औसतन 20 लाख रुपये प्रतिवर्ष की बचत होती है।

न्यू मिडिल क्लास : इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इन घरों में प्राथमिक आवासीय संपत्ति और ऑटोमोबाइल जैसी भौतिक संपत्ति की ओर बड़ा आवंटन है। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस तरह कुल परिवारों की कुल संख्या 6,33,000 है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु : इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, पूरे भारत में लगभग 4,12,000 डॉलर-मिलियनेयर घर हैं, जिनकी कुल संपत्ति 7 करोड़ रुपये है। इस रिपोर्ट के अनुसार, हुरुन रिच लिस्टर्स में 1,000 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल है। ‘भारतीय मध्यम वर्ग’ की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, जबकि उनकी कुल संपत्ति 7 करोड़ रुपये से कम है। भारत में 5,64,000 परिवार ‘भारतीय मध्य वर्ग’ श्रेणी में है।

अमीर घराने : हुरून की रिपोर्ट भारत में अमीर घरों के दो व्यापक खंडों को वर्गीकृत करती है। पहला “निचला भाग” है जिसमें आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में कार्य क्षतिपूर्ति आय, सावधि जमा, अचल संपत्ति और इक्विटी निवेश वाले परिवारों का समावेश है। दूसरा खंड “ऊपरी भाग” है जिसमें आय के स्रोत में विरासत में मिली संपत्ति, प्राथमिक व्यावसायिक आय, अचल संपत्ति संपत्ति और एक इक्विटी निवेश पोर्टफोलियो शामिल हैं।


7. ‘मरीन एड्स टू नेविगेशन’ बिल पेश किया

15 मार्च, 2021 को लोकसभा में ‘Marine Aids to Navigation Bill 2021’ पेश किया गया। इस बिल को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने पेश किया था।

मरीन एड्स टू नेविगेशन बिल, 2021 : यह बिल एक नया फ्रेमवर्क प्रदान करना चाहता है ताकि पोत यातायात सेवाओं की स्थापना और प्रबंधन किया जा सके। इसके तहत नेविगेशन में आधुनिक रूपों के उपयोग को सक्षम करने के लिए “lighthouse” के बजाय “marine aids to navigation” शब्द का उपयोग किया जायेगा। इस विधेयक में नौ-दशक पुराने कानून को बदलने की कोशिश की गई है जो लाइटहाउस को नियंत्रित करता है।

इस विधेयक को तकनीकी परिवर्तनों के अनुरूप पेश किया गया है जो समुद्री नेविगेशन में तेज गति से हो रहे हैं। इस विधेयक में तकनीकी विकास को शामिल करने का भी प्रस्ताव है। इस बिल में विरासत के लाइटहाउस को पहचानने और विकसित करने का भी प्रयास किया गया है।

उद्देश्य : इस बिल को लोकसभा में औपनिवेशिक लाइटहाउस अधिनियम, 1927 को निरस्त करने के उद्देश्य से पेश किया गया है। इसका उद्देश्य अतिरिक्त शक्ति और कार्यों को प्रदान करके म Directorate General of Lighthouses and Lightships (DGLL) को सशक्त बनाना है।


8. संसद ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (अमेंडमेंट) बिल-2020 को पारित किया

राज्यसभा ने 16 मार्च 2021 को गर्भ के चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक 2020 को पारित कर दिया है। लोकसभा ने पहले ही 17 मार्च, 2020 को बिल पास कर दिया था। इस विधेयक के तहत गर्भपात की अधिकतम मंजूर समय सीमा मौजूदा 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 हफ्ते की गई है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसे व्यापक विचार-विमर्श कर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक लंबे समय से वेटिंग लिस्ट में था और लोकसभा में यह पिछले साल पारित हो चुका है। यह विधेयक वहां सर्वसम्मति से पारित हुआ था।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने क्या कहा? : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि इस विधेयक को तैयार करने से पहले दुनिया भर के कानूनों का भी अध्ययन किया गया था। सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इससे पहले सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने सहित अन्य विपक्षी संशोधनों को नामंजूर कर दिया, वहीं सरकार की तरफ से लाए गए संशोधनों को स्वीकार कर लिया।

20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह : संसद में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी विधेयक-2020 पारित हो गया है। इसमें गर्भपात की सीमा बढ़ाकर 24 हफ्ते करने का प्रवाधान है। इससे पहले महिलाएं अधिकतम 20 हफ्ते तक ही गर्भपात करा सकती थीं। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस विधेयक को हर संभव संबंधित पक्ष से चर्चा के बाद तैयार किया गया तथा इसमें ऐसा भी प्रावधान किया गया है कि प्रस्तावित कानून का दुरुपयोग नहीं हो।

किसको मिलेगा फायदा : यह प्रावधान विशेष वर्ग की महिलाओं के लिए किया गया है। इस प्रावधान में दुष्कर्म पीड़िता, सगे-संबंधियों की बुरी नजर की शिकार पीड़िताएं, दिव्यांग और नाबालिग शामिल हैं। चिकित्सकीय, मानवीय और सामाजिक आधार पर इस प्रावधान को लागू किया जा सकता है।

उद्देश्य : इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य स्त्रियों की सुरक्षित गर्भपात सेवाओं तक पहुंच में वृद्धि करने तथा असुरक्षित गर्भपात के कारण मातृ मृत्यु दर और अस्वस्थता दर एवं उसकी जटिलताओं में कमी लाना है। सरकार के मुताबिक इस विधेयक के तहत गर्भपात की सीमा को बढ़ाकर 24 सप्ताह करने से दुष्कर्म पीड़िता और निशक्त लड़कियों को सहायता मिलेगी।

क्यों पड़ी इस बिल की जरुरत? : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने विधेयक को रखा और इसे प्रगतिशील बताते हुए कहा कि महिलाओं के सुरक्षित गर्भपात के लिहाज से यह समय की जरूरत है। 20 सप्ताह में गर्भपात करवाना सुरक्षित नहीं था। इससे कई महिलाओं की मौत हो जाती थी। लेकिन 24 सप्ताह में गर्भपात करवाना ज्यादा सुरक्षित होगा। इससे गर्भपात के दौरान होने वाली मौत होने की संभावनाएं घटेंगी।


9. हरियाणा राज्य विधानसभा ने किया हरियाणा योग आयोग विधेयक 2021 पारित

हरियाणा विधानसभा द्वारा 15 मार्च, 2021 को चार अन्य विधेयकों के साथ मौजूदा बजट सत्र के दौरान हरियाणा योग आयोग विधेयक 2021 पारित किया गया था।

हरियाणा में योग के प्रचार, प्रबंधन, विनियमन, प्रशिक्षण के लिए हरियाणा योग आयोग की स्थापना के उद्देश्य से हरियाणा योग आयोग विधेयक, 2021 पारित किया गया है।

उद्देश्य : इस विधेयक में चिकित्सा की प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली विकसित करने का प्रयास किया गया है।

यह अभ्यास को विनियमित करने और राज्य में खेल के तौर पर कुछ अन्य कारकों जैसे प्रशिक्षण, संवर्धन और योगासन को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

पारित किए गए अन्य विधेयकों में शामिल हैं

  • हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021

  • हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2021

  • हरियाणा विनियोग (सं. 1) विधेयक, 2021

  • हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन (संशोधन), बिल 2021

मुख्य विवरण :

• हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 में संशोधन के लिए हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया। • हरियाणा नगरपालिका अधिनियम, 1973 को संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया। • हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन एक्ट, 2016 में और संशोधन करने के लिए हरियाणा एंटरप्राइज़ प्रमोशन (संशोधन), बिल 2021 पारित किया गया। • 31 मार्च, 2021 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य के समेकित कोष में से 8966,65,26,981 रुपये के भुगतान और विनियोग को अधिकृत करने के लिए हरियाणा विनियोग (नंबर 1) विधेयक, 2021 पारित किया गया।

हरियाणा में किसी भी वर्ग द्वारा किसी भी राजनीतिक दल या नेता का बहिष्कार करने की निंदा करने का प्रस्ताव पारित किया गया :

• हरियाणा राज्य विधानसभा ने एक एकल-पंक्ति का प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें कहा गया है कि, यदि समाज के किसी भी वर्ग या संगठन ने किसी भी राजनीतिक दल या उसके नेताओं का बहिष्कार करने की घोषणा की, तो सदन इसकी निंदा करेगा। • हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, यदि आवश्यक हुआ तो इस संबंध में मतदान किया जाएगा। • राज्य विधानसभा में ध्वनि मत से यह प्रस्ताव पारित किया गया। • मुख्यमंत्री ने आगे यह भी कहा कि, लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी विपक्ष के समान ही है। • विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस अवसर पर यह पर स्पष्ट किया कि, विपक्षी दल का कोई भी विधायक किसी भी संगठन या वर्ग को राजनीतिक नेताओं का बहिष्कार करने के लिए नहीं उकसा रहा है।




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