1. नागोजी ओकोंजो-इवेला बनी डब्ल्यूटीओ की अगली महानिदेशक
नाइजीरियाई अर्थशास्त्री नगोज़ी ओकोंजो-इवेला को विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अगले महानिदेशक के रूप में चुना गया है। वे संगठन का नेतृत्व करने वाली पहली महिला और साथ ही पहली अफ्रीकी होंगी। नाइजीरिया के पूर्व वित्त मंत्री ओकोंजो-इविला, रॉबर्टो अजेवेदो की जगह लेंगी, जिन्होंने अगस्त 2020 में पद छोड़ दिया।
उन्हें अमेरिकी सरकार का भी समर्थन मिला हुआ है। खास बात यह है कि नागोजी को अमेरिकी सरकार ( US Government) का भी समर्थन मिल गया है। अबतक उन्हें दक्षिण कोरिया की यू म्योंग ही से चुनौती मिल रही थी। इन्हें डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का समर्थन हासिल था। लेकिन उन्होंने अब अपनी दावेदारी वापस ले ली है। इसके बाद नागोजी के डब्ल्यूटीओ का महानिदेशक बनने का रास्ता साफ हो गया है।
अमेरिका का समर्थन मिला : अमेरिका ने यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेजेन्टेटिव (यूएसटीआर) के कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से नागोजी इवेला को डीजी (डब्ल्यूटीओ) के रूप में समर्थन देने की घोषणा की। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिडेन-हैरिस प्रशासन नागोजी ओकोंजो की उम्मीदवारी के लिए अपना मजबूत समर्थन व्यक्त कर रहा है।
नागोज़ी ओकोंजो-इवेला : नागोज़ी ओकोंजो-इवेला अपने आप में 25 वर्षों से विश्व बैंक और नाइजीरियाई वित्त मंत्री के रूप में दो कार्यकाल से अर्थशास्त्र और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में ज्ञान का खजाना है। वे डब्ल्यूटीओ का नेतृत्व बेहतरीन तरीके से करेंगी। डॉ नागोजी ने बाइडन प्रशासन को समर्थन के लिए शुक्रिया कहा है।
यू म्योंग ही ने वापस ली दावेदारी : दक्षिण कोरिया की उम्मीदवार यू म्योंग-ही ने 05 फरवरी 2021 को अपनी दावेदारी वापस ले ली। दरअसल, इससे पहले उन्हें अमेरिकी सरकार का समर्थन प्राप्त था। लेकिन बाइडन सरकार ने उनकी जगह नागोजी का समर्थन कर दिया है। उन्होंने इसके बाद अपनी दावेदारी वापस ले ली। इससे पहले नवंबर 2020 में अमेरिका द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया रुकी थी।
विश्व व्यापार संगठन के बारे में : विश्व व्यापार संगठन (WTO) विश्व में व्यापार संबंधी अवरोधों को दूर कर वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 01 जनवरी 1995 में मराकेश समझौते के तहत की गई थी. इसका मुख्यालय जिनेवा में है।
वर्तमान में विश्व के 164 देश इसके सदस्य हैं। अफगानिस्तान 29 जुलाई 2016 को इसका 164वाँ सदस्य बना। सदस्य देशों का मंत्रिस्तरीय सम्मेलन इसके निर्णयों के लिये सर्वोच्च निकाय है। इसकी बैठक प्रत्येक दो वर्षों में आयोजित की जाती है।
विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक मुख्य कार्यकारी बोर्ड में भाग लेते हैं जो संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का समन्वयक अंग है। विश्व व्यापार संगठन का मुख्य उद्देश्य विश्व में मुक्त, अधिक पारदर्शी तथा अधिक अनुमन्य व्यापार व्यवस्था को स्थापित करना है।
2. सरकार फ्रॉड से निपटने के लिए इंटेलिजेंस यूनिट की स्थापना करेगी
केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने एक इंटेलिजेंस यूनिट और एक उपभोक्ता संरक्षण प्रणाली स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह सिस्टम परेशान करने वाली कॉल्स से जुड़े खतरों से निपटने के प्रयास के तहत स्थापित किया जा रहा है। यह दूरसंचार संसाधनों का उपयोग करने वाले वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में भी मदद करेगा।
पृष्ठभूमि : केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के निर्देश के बाद ऐसी प्रणाली स्थापित करने का फैसला किया। मंत्री ने मोबाइल फोन पर अनचाहे संदेशों के बारे में उपभोक्ताओं की बढ़ती चिंताओं को दूर करने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। सरकार के इस कदम का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन को अधिक सुरक्षित बनाना है।
सख्त मानदंड : संचार मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें जो इस प्रकार के उत्पीड़न के मामलों में शामिल हैं।
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के पास भी परेशान करने वाली कॉल की जांच करने के नियम हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 3 फरवरी, 2021 को अनैतिक रूप से वाणिज्यिक संचार को रोकने के लिए 2018 के विनियमन के पूर्ण और सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए ट्राई को भी निर्देश दिया था।
योजना : मंत्रालय के निर्देश के बाद, डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (DIU) नामक एक नोडल एजेंसी स्थापित की जाएगी। इसे दूरसंचार संसाधनों को शामिल करने वाली किसी भी धोखाधड़ी गतिविधि की जांच करने के लिए विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ समन्वय करने का काम सौंपा जाएगा। इस प्रकार, यह प्रणाली डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में लोगों के विश्वास को मजबूत करने में मदद करेगी जो बदले में डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा देगी।
3. PiMo – IIT मद्रास द्वारा इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप द्वारा लॉन्च की गयी ई-बाइक
पाई बीम, जो आईआईटी मद्रास द्वारा इनक्यूबेट स्टार्ट-अप है, ने हाल ही में ‘PiMo’ नामक इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर लॉन्च किया है।
मुख्य बिंदु : पाई बीम ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत तक 10,000 वाहनों को बेचने का लक्ष्य रखा है।
बाइक की स्थापना IIT मद्रास के पूर्व छात्र विशाख शशिकुमार ने की थी।
100 ग्राहक ई-बाइक की प्री-बुकिंग कर चुके हैं।
PiMO :
यह इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर स्मार्टफोन से तेज चार्ज हो सकता है।
इस टिकाऊ और सस्ती बाइक की रेंज 50 किमी है।
इस ई-बाइक को व्यक्तिगत और वाणिज्यिक जरूरतों के लिए लॉन्च किया गया है।
इसकी कीमत 30,000 रुपये।
इसके लिए लाइसेंस या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।
ई-बाइक भारतीय सड़कों पर हरित और आसान गतिशीलता प्रदान करेगी।
इस बाइक के 90 प्रतिशत घटक जैसे कि बैटरी और कंट्रोलर भारत में निर्मित किए गए हैं।
ई-बाइक की विशेषताएं : यह ई-बाइक एक इलेक्ट्रिक साइकिल और एंट्री लेवल इलेक्ट्रिक स्कूटर के बीच है। इसकी टॉप स्पीड 25 किमी प्रति घंटा है। ई-बाइक ने इलेक्ट्रिक साइकिल श्रेणी की तुलना में एक उच्च यात्रा रेंज प्रदान की। बाइक एक बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी भी प्रदान करती है।
बैटरी स्वैपिंग तकनीक : इस तकनीक का उपयोग करते हुए, निर्धारित स्थानों पर एक पूरी तरह से चार्ज की गई बैटरी के साथ एक खाली बैटरी का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
पाई बीम इलेक्ट्रिक : यह एक आईआईटी मद्रास द्वारा इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप है। यह कंपनी व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग के लिए ग्रीन, सस्ती और आसानी से उपयोग की जाने वाली ईवी समाधानों की एक श्रृंखला प्रदान करती है। यह एंड-टू-एंड माइक्रो-मोबिलिटी ईवी प्रदान करती है।
4. सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के लिए सरकार दो संशोधन करेगी
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के निजीकरण को आसान बनाने के लिए दो अधिनियमों में संशोधन करेगी।
मुख्य बिंदु : बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन किए जाएंगे।
इन दो अधिनियमों ने दो चरणों में इन बैंकों के राष्ट्रीयकरण के लिए सुविधा प्रदान की थी।
अब, सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए, इन अधिनियमों के प्रावधानों में बदलाव करना होगा।
पृष्ठभूमि : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए सरकारी बैंकों के निजीकरण के बारे में घोषणा की थी।
75 लाख करोड़ रुपये के लिए विनिवेश अभियान के रूप में सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।
घोषणा के अनुसार आईडीबीआई बैंकों सहित तीन बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।
बैंकों का हालिया विलय : सरकार ने वर्ष 2020 में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को चार में मिला दिया था। इस प्रकार, सरकारी बैंकों की कुल संख्या 27 से घटकर 12 हो गई।
इस योजना के तहत, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ मिला दिया गया था।इसने PNB को दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बना दिया।
इसके अलावा, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय कर दिया गया था।
इलाहाबाद बैंक का विलय भारतीय बैंक के तहत किया गया था।
आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में मिला दिया गया।
2019 में, विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय कर दिया गया था।
अप्रैल 2017 में, SBI ने अपने पांच सहयोगी बैंकों स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया था।
5. फाफ डुप्लेसिस ने लिया टेस्ट क्रिकेट से संन्यास
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने बुधवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की और अब वह छोटे प्रारूपों विशेषकर टी20 के अपने करियर पर ध्यान देंगे।इस 36 वर्षीय खिलाड़ी ने इंस्टाग्राम पर अपने पेज में बयान जारी करके यह घोषणा की।
डुप्लेसिस ने लिखा, ‘‘यह हम सभी के लिये मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ने वाला साल रहा। कभी अनिश्चितता भी रही लेकिन इससे कई पहलुओं को लेकर मेरी स्पष्ट राय बनी। मेरा दिल साफ है और यह नये अध्याय की शुरुआत करने के लिये सही समय है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘खेल के सभी प्रारूपों में देश का प्रतिनिधित्व करना सम्मान है लेकिन अब मेरे लिये टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का समय आ गया है। ’’
वह अब टी20 प्रारूप पर ध्यान देंगे लेकिन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (वनडे) भी उनकी योजना का हिस्सा बना रहेगा।
डुप्लेसिस ने कहा, ‘‘अगले दो साल आईसीसी टी20 विश्व कप होगा। इस वजह से मैं अपना ध्यान इस प्रारूप पर केंद्रित कर रहा हूं। मैं दुनिया भर में इस प्रारूप में अधिक से अधिक खेलना चाहता हूं ताकि मैं जितना संभव हो सके सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बन सकूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मैं इस प्रारूप में दक्षिण अफ्रीका की टीम में अहम योगदान दे सकता हूं। इसका मतलब यह नहीं है कि वनडे क्रिकेट मेरी योजना का हिस्सा नहीं है। मैं कुछ समय के लिये टी20 क्रिकेट को अपनी प्राथमिकता बना रहा हूं। ’’
डुप्लेसिस ने 69 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 40.02 की औसत से 4163 रन बनाये। उन्होंने इस प्रारूप में 10 शतक और 21 अर्धशतक लगाये।
उनका उच्चतम स्कोर 199 रन रहा जो उन्होंने पिछले साल दिसंबर में श्रीलंका के खिलाफ सेंचुरियन में बनाया था। डुप्लेसिस ने नवंबर 2012 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एडीलेड में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
उन्होंने पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट और टी20 कप्तान का पद छोड़ दिया है। उन्होंने 2016 में एबी डिविलियर्स से यह जिम्मा संभाला था।
डुप्लेसिस ने कहा, ‘‘अगर कोई 15 साल पहले मुझसे कहता कि मैं दक्षिण अफ्रीका के लिये 69 टेस्ट मैच खेलूंगा और टीम की कप्तानी भी करूंगा तो मैं उस पर विश्वास नहीं करता। ’’
डुप्लेसिस इस महीने के आखिर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली घरेलू श्रृंखला से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की योजना थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह दौरा अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया है। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के क्रिकेट निदेशक ग्रीम स्मिथ ने डू प्लेसिस के संन्यास पर कहा कि फाफ ने दक्षिण अफ्रीका के लिए कई वर्षों से शानदार टेस्ट क्रिकेट खेला है और संन्यास के बाद इस प्रारूप में टीम को उनकी कमी हमेशा खलेगी। टीम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता हमेशा निस्संदेह रही है और अपनी योजनाओं के बारे में क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के साथ उनकी पारदर्शिता को हमेशा सराहा गया है। हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं।
6. टेस्ट डेब्यू पर 5 विकेट निकालने वाले छठवें भारतीय स्पिनर बने अक्षर पटेल
लेफ्ट आर्म स्पिनर अक्षर पटेल अपने पदार्पण टेस्ट की एक पारी में 5 विकेट लेने वाले भारत के छठे भारतीय स्पिनर
और नौवें गेंदबाज बन गए हैं। पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में 60 रन पर पांच विकेट और मैच में कुल 7 सात विकेट हासिल किये।
दूसरे टेस्ट में मिले मौके को उन्होंने खूब भुनाया। पटेल पहली पारी में 2 विकेट ले चुके थे। लेकिन असली कमाल उन्होंने दूसरी पारी में किया। अक्षर ने डॉमिनिक सिबली, जैक लीच, ओली पोप, जो रूट, ओली स्टोन के विकेट झटके। उन्हें जो रूट का विकेट लंबे समय तक याद रहने वाला है क्योंकि पहले टेस्ट में वह दोहरा शतक जड़ चुके थे। दोनों ही पारियों में अक्षर ने जो रूट को पवैलियन की राह दिखाई।
जड़ेजा की जगह खेल रहे अक्षर ने बल्ले से नहीं तो कम से कम गेंद से यह जरूर साबित कर दिया कि वह जड़ेजा अगर अनफिट है तो दूसरा नाम उनका ही लिया जाना है।भारत की तरफ से पदार्पण टेस्ट की एक पारी में पांच विकेट लेने वाले गेंदबाज इस प्रकार हैं :
5/64 - वीवी कुमार बनाम पाकिस्तान, दिल्ली (1960/61)
6/103 - दिलीप दोषी बनाम ऑस्ट्रेलिया, चेन्नई (1979/80)
8/61 और 8/75 - नरेंद्र हिरवानी बनाम वेस्ट इंडीज, चेन्नई (1987/88)
5/71 - अमित मिश्रा बनाम ऑस्ट्रेलिया, मोहाली (2008/09)
6/47 - रविचंद्रन अश्विन बनाम वेस्ट इंडीज, दिल्ली (2011/12)
5/60 - अक्षर पटेल बनाम इंग्लैंड,चेन्नई (2020/21)
गौरतलब है कि पहला टेस्ट शुरु होने से पूर्व चोटिल लेफ्ट ऑर्म स्पिन ऑलराउंडर अक्षर पटेल बाहर हो गए और उनकी जगह बांए हाथ के स्पिन गेंदबाज शाहबाज नदीम को प्लेइंग 11 में जगह मिली थी।उनका टेस्ट डेब्यू एक मैच के लिए टल गया था।
बीसीसीआई ने मैच शुरु होने से पहले आधिकारिक जानकारी देकर बताया था कि अक्षर पटेल ने बाएं घुटने में दर्द की शिकायत की है और उन्हें पहले टेस्ट से बाहर रखा गया है। पटेल को वैकल्पिक ट्रेनिंग सत्र में यह परेशानी हुई थी।
हालांकि दूसरे टेस्ट से पहले अक्षर ने नेट पर गेंदबाजी का अभ्यास शुरू किया तो उनके टेस्ट डेब्यू की आशा बंधी। अक्षर के फिटनेस टेस्ट के बाद बोर्ड ने उन्हें दूसरे टेस्ट के लिए फिट घोषित कर दिया।
7. आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने पायलट ‘पेयजल सर्वेक्षण’ शुरू किया
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 16 फरवरी 2021 को जल जीवन मिशन- शहरी (JJM-U) के तहत पायलट ‘पेयजल सर्वेक्षण’ शुरू किया। मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि इस सर्वेक्षण के तहत शहरों में पानी के समान वितरण, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग और जल निकायों की मात्रा और गुणवत्ता के संबंध में जानकारी एकत्रित की जाएगी।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में भी हर घर नल से जल पहुंचाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाने लगा है। अगले वित्त वर्ष के लिए पेश आम बजट में इसका प्रवधान किया गया है। शहरी क्षेत्रों में उचित जल वितरण और सीवेज के जल को साफ कर पुन: उपयोग की संभावनाओं पता लगाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय एक पायलट प्रोजेक्ट लांच करेगा।
10 शहरों में यह परियोजना चलाई जाएगी : पेयजल सर्वेक्षण के पायलट प्रोजेक्ट की लांचिंग करने के बाद शहरी विकास मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने बताया कि पहले चरण में 10 प्रमुख शहरों में यह परियोजना चलाई जाएगी। इनमें आगरा, बदलापुर, भुवनेश्वर, चुरू, कोच्चि, मदुरै, पटियाला, रोहतक, सूरत और तुमकुर शामिल हैं। पायलट सर्वेक्षण के साकारात्मक नतीजों के आधार पर सर्वेक्षण का विस्तार देश के सभी 500 अमृत शहरों में किया जाएगा।
डाटा एकत्र किए जाएंगे : सर्वेक्षण में शहरी निकायों के नागरिकों और निकाय के अफसरों से पेयजल, सीवेज जल प्रबंधन, गैर प्रबंधन, गैर राजस्व जल और जल निकायों की स्थिति पर डाटा एकत्र किए जाएंगे। जल जीवन मिशन की निगरानी टेक्नोलॉजी आधारित प्लेटफार्म पर की जाएगी। लाभार्थी की निगरानी भी इसी माध्यम से की जाएगी।
तीन चरणों में बजट आवंटित : इन परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार की तरफ से तीन चरणों में बजट आवंटित किया जाएगा। पहली किस्त में कुल लागत का 20 प्रतिशत दिया जाएगा, जबकि दूसरी और तीसरी किस्त समान यानी 40-40 प्रतिशत होगी।
शहरी जल जीवन मिशन का उद्देश्य : शहरी जल जीवन मिशन का उद्देश्य 4,378 शहरी निकायों के सभी परिवारों को नल से स्वच्छ पानी की सप्लाई करना है। जबकि 500 अमृत शहरों में सीवर प्रबंधन भी करना है। 500 अमृत शहरों में शहरी परिवारों के 2.68 करोड़ परिवारों को नल का पेयजल उपलब्ध कराना है, जबकि 2.6 करोड़ घरों को सीवर कनेक्शन देना है।
घरों में जलापूर्ति को मजबूत बनाने हेतु जल निकायों को नया जीवन देना है। इससे जहां लोगों को ताजा पानी मिलेगा, वहीं शहरी जल प्रबंधन को सुदृढ़ किया जा सकेगा। जल जीवन मिशन के लिए कुल प्रस्तावित लागत 2.87 लाख करोड़ रुपये है।
8. सन्देश (Sandes) – भारत का नया इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म
नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) ने ‘सन्देश’ (Sandes) नाम से एक एप्प लॉन्च किया है। यह इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप जैसा है। इसका उपयोग किसी भी प्रकार के संचार के लिए किया जा सकता है। इस एप्प के साथ पंजीकृत होने के लिए मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है।
मुख्य बिंदु : इस एप्लीकेशन को लॉन्च करने की आवश्यकता कर्मचारियों के बीच एक सुरक्षित संचार सुनिश्चित करने के लिए महसूस की गई क्योंकि “होम से काम” संस्कृति ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की पृष्ठभूमि में गति प्राप्त की है।
एनआईसी ने अगस्त 2020 में इस एप्प का पहला संस्करण जारी किया था।
इस एप्प को केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा अंतर-संगठनात्मक संचार के लिए उपयोग किया जा सकता है।
यह एप्प शुरुआत में एंड्रॉइड यूजर्स और मुख्य रूप से सरकारी अधिकारियों के लिए लॉन्च किया गया था।
बाद में, इस सेवा को iOS उपयोगकर्ताओं के लिए भी बढ़ा दिया गया था और अब यह आम जनता के लिए भी उपलब्ध है।
यह एप्प भारत में निर्मित सॉफ्टवेयर के उपयोग को आगे बढ़ाने की सरकारी रणनीति का एक हिस्सा है।
पृष्ठभूमि : वर्ष 2020 में गृह मंत्रालय ने सरकारी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा चिंताओं के कारण आधिकारिक संचार के लिए ज़ूम जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग नहीं करने के लिए एडवाइजरी जारी की थी। इससे पहले, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्टिफिकेट-इन) ने जूम के खिलाफ सुरक्षा और गोपनीयता चिंताओं के संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की थी।
विशेषताएं : इस एप्लीकेशन का इंटरफ़ेस अन्य एप्लीकेशन्स के समान है। इस एप्प में दो प्लेटफ़ॉर्म के बीच चैट हिस्ट्री ट्रांसफर करने का कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, गवर्नमेंट इंस्टेंट मैसेजिंग सिस्टम (GIMS) या सन्देश एप्प पर चैट को ईमेल की सहायता से किया जा सकता है। यूजर को पंजीकृत करने के लिए ऐप को एक वैध मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी की आवश्यकता होती है। इसमें ब्रॉडकास्ट मेसेज, ग्रुप बनाना, मेसेज फॉर्वार्डिंग और इमोजी जैसी विशेषताएं शामिल हैं। इसमें एक अतिरिक्त सुरक्षा सुविधा भी है। यह प्लेटफार्म यूजर को गोपनीय के रूप में संदेश को चिह्नित करने की अनुमति देता है। इस प्रकार, यह प्राप्तकर्ता को अवगत कराता है कि संदेश अन्य उपयोगकर्ताओं को फॉरवर्ड नहीं किया जाना चाहिए।
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