1. 10 दिसम्बर : मानवाधिकार दिवस
प्रतिवर्ष 10 दिसम्बर को मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसम्बर, 1948 को मानवाधिकार पर सार्वभौमिक घोषणा को स्वीकार किया था। मानवाधिकार दिवस की आधिकारिक स्थापना 4 दिसम्बर, 1950 को संयुक राष्ट्र महासभा की 317वीं प्लेनरी बैठक में की गयी थी। थीम: Recover Better-Stand Up for Human Rights
भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्थापना 12 अक्टूबर, 1993 को 28 सितम्बर, 1993 के मानव अधिकार सुरक्षा अध्यादेश के तहत की गयी थी। इसे मानव अधिकार सुरक्षा अधिनियम, 1993 के द्वारा वैधानिक आधार प्रदान किया गया। यह आयोग जीवन, स्वतंत्रता, समानता तथा सम्मान इत्यादि मूलभूत मानवीय अधिकारों की सुरक्षा के लिए कार्य करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। वर्तमान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस एच. एल. दत्तु हैं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महासचिव अम्बुज शर्मा हैं।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कार्य
सरकार द्वारा किये गये मानवाधिकारों के उल्लंघन की पड़ताल करना।
मानवाधिकार से सम्बंधित कानूनी कार्यवाही में हस्तक्षेप करना।
पीड़ितों तथा उनके परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए अनुशंसा करना।
संविधान द्वारा प्रदान संरक्षण की समीक्षा करना।
मानवाधिकार से सम्बंधित अंतर्राष्ट्रीय संधियों इत्यादि का अध्ययन करना तथा उसके आधार पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अनुशंसा करना।
मानवाधिकार के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देना।
समाज के विभिन्न वर्गों में मानवाधिकार शिक्षा का प्रसार करना।
2. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ADDM प्लस को संबोधित किया
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में आसियान रक्षा मंत्री बैठक प्लस (ADDM Plus) में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने 10 दिसम्बर, 2020 को अपने संबोधन में क्षेत्र में शान्ति बनाये रखने पर बल दिया। ADDM-प्लस दक्षिण पूर्व एशिया में सुरक्षा के लिए प्रमुख मंत्रिस्तरीय प्लेटफार्म है, इस प्लेटफार्म पर आसियान देशों द्वारा सुरक्षा व सहयोग पर चर्चा की जाती है।
ADDM प्लस
ADDM प्लस आसियान देशों तथा 8 वार्ता साझेदारों के लिए सुरक्षा सुदृढ़ करने तथा शांति व विकास के लिए रक्षा सहयोग के लिए प्लेटफार्म है। इसका उद्देश्य वार्ता तथा पारदर्शिता के साथ सदस्य देशों में आपसी विश्वास को मज़बूत करना है। ADDM प्लस सम्मेलन का पहला आयोजन 2010 में वियतनाम की राजधानी हनोई में किया गया। इस सम्मेलन में रक्षा मंत्रियों ने समुद्री सुरक्षा, आतंकवादी विरोधी कारवाई, शांति मिशन तथा मानवीय सहायता जैसे मुद्दों पर सहमती प्रकट की।
आसियान
10 दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना 6 अगस्त 1967 को हुई थी। इसका मुख्यालय जकार्ता, इंडोनेशिया में है। इसके सदस्य देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और वियतनाम हैं। चार्टर में आसियान के उद्देश्य के बारे में बताया गया है।सदस्य देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता को कायम रखना साथ ही विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा हो इसके उदेश्यों में शामिल है। इसके सेक्रेट्री जनरल आसियान द्वारा पारित किए प्रस्तावों को लागू करवाने और कार्य में सहयोग प्रदान करने का काम करतें है। इनका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
3. RBI ने रद्द किया महाराष्ट्र स्थित कराड़ा सहकारी बैंक का लाइसेंस
भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के कराड़ जनता सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं दिखाई देने के कारण रद्द कर दिया है।
बैंक, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों का पालन नहीं कर पा रहा था।
बैंक के जमाकर्ताओं के 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के जरिए उनके जमा का पूरा भुगतान किया जाएगा।
लाइसेंस रद्द करने और परिसमापन कार्यवाही की शुरुआत करने के साथ ही, कराड जनता सहकारी बैंक के जमाकर्ताओं को भुगतान करने की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।
परिसमापन पर, प्रत्येक जमाकर्ता केवल DICGC से 5 लाख तक की अपनी जमा राशि के पुनर्भुगतान का हकदार होगा।
7 दिसंबर को काम-काज का लाइसेंस रद्द करने के बाद , बैंक अब कोई कार्य नहीं कर सकेगा, जिसमें जमा और भुगतान करना शामिल है।
4. हिंदी के प्रख्यात कवि व पत्रकार मंगलेश डबराल का निधन
हिंदी के प्रख्यात कवि, पत्रकार व साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मंगलेश डबराल का बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण से निधन हो गया। वह 72 वर्ष के थे। करीब 12 दिन पहले कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए डबराल ने एम्स में आखिरी सांस ली। एम्स में उपचार के दौरान शाम में उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जनसंस्कृति मंच से जुड़े और उनके नजदीकी रहे संजय जोशी ने बताया, ‘‘डबराल पिछले कुछ दिनों से गाजियाबाद के वसुंधरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और हालत बिगड़ने के बाद उन्हें उपचार के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था।'' मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी डबराल जनसंस्कृति मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे।
डबराल का 1948 में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल में जन्म हुआ था। जोशी ने बताया कि रघुबीर सहाय और मंगलेश डबराल दोनों का पेशा पत्रकारिता था, लेकिन उनका अपना सृजन कविता में था। पहाड़ के विस्थापन के अलावा उन्होंने शहरी जीवन पर काफी लिखा। डबराल प्रतिपक्ष, पूर्वाग्रह, अमृत प्रभात आदि पत्रिकाओं से जुड़े रहे और लंबे समय तक जनसत्ता में काम किया। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में ‘पहाड़ पर लालटेन', ‘घर का रास्ता', ‘नये युग में शत्रु', ‘हम जो देखते हैं' आदि शामिल हैं। डबराल को साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा शमशेर सम्मान, स्मृति सम्मान, पहल सम्मान और हिंदी अकादमी दिल्ली के साहित्यकार सम्मान से सम्मानित किया गया था।
5. पीएम मोदी ने किया नए संसद भवन का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के शिलान्यास को ‘‘ऐतिहासिक’’ और भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में 'मील का पत्थर' बताते हुए गुरुवार को कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा और 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा।
नए संसद भवन का भूमि पूजन कर शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि नए संसद भवन का निर्माण समय और जरूरतों के अनुरूप परिवर्तन लाने का प्रयास है और आने वाली पीढ़ियां इसे देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उस दिन को भी याद किया जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर वह संसद भवन पहुंचे थे और उस वक्त उन्होंने लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले माथा टेक कर नमन किया था।
मोदी ने कहा, 'पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ तो नये भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।'
उन्होंने कहा कि आज जैसे इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा।
उन्होंने कहा, 'आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है और आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है।'
नए संसद भवन के शिलान्यास को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है।
उन्होंने कहा, 'भारतीयों द्वारा, भारतीयता के विचार से ओतप्रोत भारत के संसद भवन के निर्माण का प्रारंभ हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ाव में से एक है। हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। ...और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर पर्व मनाएगा, उस पर्व के साथ-साथ प्रेरणा हमारे संसद की नई इमारत बने।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के लिए बड़े सौभाग्य और गर्व का दिन है जब सभी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का निर्माण नूतन और पुरातन के सहअस्तित्व का उदाहरण है और यह समय तथा जरूरतों के अनुरूप खुद में परिवर्तन लाने का प्रयास है।
उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को गढ़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। आजाद भारत की पहली संसद भी यहीं बैठी। इसी संसद भवन में हमारे संविधान की रचना हुई है। बाबा साहेब आंबेडकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सेंट्रल हॉल में गहन मंथन के बाद हमें अपना संविधान दिया। संसद की मौजूदा इमारत स्वतंत्र भारत के हर उतार-चढ़ाव, हमारी हर चुनौतियों और समाधान, हमारी आशा और आकांक्षाओं और हमारी सफलता का प्रतीक रही है।
6. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने लक्षद्वीप के लिए सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोच्चि और लक्षद्वीप द्वीपसमूह के बीच पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल कनेक्टिविटी (KLI Project) को मंजूरी दे दी है।
KLI Project
• यह परियोजना एक समर्पित सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) के माध्यम से एक डायरेक्ट कम्युनिकेशन लिंक का प्रावधान प्रदान करती है। • यह कोच्चि और लक्षद्वीप के 11 द्वीपों- कवर्त्ती, अगति, अमिनी, कल्पेनी, मिनिकोय, आंद्रोथ, बांगरम, बितरा, किल्टन, चेतलत और कदमत के बीच बिछाई जाएगी। • इस परियोजना की अनुमानित लागत 1072 करोड़ रुपये है। इसमें 5 वर्षों के लिए परिचालन व्यय भी शामिल है। • इस परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। • यह परियोजना मई 2023 तक पूरी हो जाएगी।
महत्व
• दूरसंचार के बुनियादी ढांचे की वृद्धि आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ जुड़ी हुई है। रोजगार सृजन में दूरसंचार कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस प्रकार, कैबिनेट द्वारा इस अनुमोदन से लक्षद्वीप द्वीप समूह में दूरसंचार सुविधा में सुधार होगा। यह ज्यादा बैंडविड्थ के साथ दूरसंचार सुविधा प्रदान करेगा। • सबमरीन कनेक्टिविटी परियोजना से नागरिकों की ई-गवर्नेंस सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। • यह मत्स्य पालन, नारियल आधारित उद्योगों और उच्च मूल्य वाले पर्यटन के संभावित विकास में भी मदद करेगा। • यह परियोजना टेलीमेडिसिन सुविधाओं के लिए भी उपयोगी है, इसके अलावा शिक्षा के लिए यह लाभदायक सिद्ध होगी। • यह कई व्यवसायों की स्थापना में मदद करेगी, इससे ई-कॉमर्स गतिविधियों में वृद्धि होगी।
कार्यान्वयन
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को इस परियोजना की प्रोजेक्ट एग्जीक्यूशन एजेंसी बनाया गया है। जबकि, टेलीकम्यूनिकेशन्स कंसलटेंट इंडिया लिमिटेड (TCIL) को इस परियोजना के तकनीकी सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है। यह फंड की सुविधा के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड की सहायता करेगा।
7. एडीबी ने भारत में जैव-ईंधन विकास के लिए 2.5 मिलियन डालर की तकनीकी सहायता को दी मंजूरी
मनीला स्थित बहुपक्षीय लेंडिंग एजेंसी एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank) ने भारत में अत्याधुनिक जैव ईंधन (advanced biofuel) विकास में सहायता करने के लिए तकनीकी सहायता के रूप में 2.5 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 18 करोड़ रुपये) की राशि को मंजूरी दी है।
यह अनुदान एशिया क्लीन एनर्जी फंड के जरिए वित्त पोषित किया जाएगा, जिसे जापान सरकार द्वारा क्लीन एनर्जी फाइनेंसिंग पार्टनरशिप फैसिलिटी और कोरिया गणराज्य के ई-एशिया और नॉलेज पार्टनरशिप फंडके तहत वित्तपोषित किया जाएगा।
तकनीकी सहायता उपयुक्त फीडस्टॉक, कुशल रूपांतरण प्रौद्योगिकी और टिकाऊ जैव ईंधन मूल्य श्रृंखला के लिए सर्वोत्तम प्रयासों का प्रदर्शन करने के लिए उन्नत बायोएथेनॉल, बायो-कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस और बायोडीजल संयंत्रों के विकास में मददगार होगी।
8. केंद्र सरकार ने ‘पीएम वाणी’ योजना को दी मंजूरी
केंद्र सरकार ने 09 दिसंबर 2020 को दूरसंचार विभाग को देशभर में पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) के जरिए सार्वजनिक रूप से वाई-फाई सेवा प्रदान करने का नेटवर्क तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस सेवा को ‘पीएम वाणी’ के नाम से जाना जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम-वाणी योजना को दी गई मंजूरी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे प्रौद्योगिकी की दुनिया में क्रांति आ जाएगी और समूचे देश में ‘वाई-फाई’ की उपलब्धता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे कारोबार में सुगमता भी बढ़ेगी और जीवन भी सरल होगा।
बढ़ेगी छोटे दुकानदारों की आमदनी
सरकार ने देशभर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच के विस्तार के लिए पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) के जरिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क की स्थापना को मंजूरी दे दी है। कोई छोटी दुकान या साझा सेवा केंद्र (सीएससी) भी पीडीओ पीडीओ हो सकते हैं। इसके तहत स्थानीय किराना दुकानों तथा गली-मोहल्ले की दुकानों पर भी सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क या ‘एक्सेस पॉइंट’ लगाए जा सकेंगे।
पीडीओ के लिए न तो लाइसेंस और न ही पंजीकरण की जरूरत होगी। साथ ही इनपर किसी तरह का शुल्क भी नहीं लगेगा। सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम वाणी) से देश में एक बड़ी वाई-फाई क्रांति आने की उम्मीद सरकार को है।
केंद्रीय संचार मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क के प्रसार की रूपरेखा को मंजूरी दे दी गई है। पीएम वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम वाणी) से देश में एक बड़ी वाई-फाई क्रांति आएगी। इसके तहत देश में एक करोड़ डेटा सेंटर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत एप इकोनॉमी में दुनिया में पहले पायदान पर है। देश में आज 120 करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन है। इनमें से 60 करोड़ स्मार्टफोन हैं।
वाई-फाई सेवाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार करने में मदद
इससे देशभर में सार्वजनिक वाई-फाई सेवाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार करने में मदद मिलेगी, जो लोगों के लिए रोजगार और आमदनी बढ़ाने का जरिया बनेगा। सार्वजनिक वाई -फाई नेटवर्क सेवा पीएम-वाणी के नाम से जानी जाएगी। इसे सार्वजनिक टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के माध्यम से संचालित किया जाएगा।
ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करना
पीडीओ केवल ‘पीएम वाणी’ के तहत आने वाले वाई-फाई सेवा स्थलों को स्थापित करने, रख-रखाव करने और संचालित करने का काम करेंगे। साथ ही उपभोक्ताओं को ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करेंगे। पीडीओ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के प्रमाणीकरण और लेखा खातों के रख-रखाव का काम भी करेंगे।
किसी तरह का लाइसेंस शुल्क नहीं
यह सेवा उपलब्ध कराने के लिए किसी तरह का लाइसेंस शुल्क नहीं लिये जाने से देशभर में बड़े स्तर पर इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं का लाभ आम लोगों को मिले सकेगा। इसके अनुसार, इससे रोजगार और आमदनी के अवसर पैदा होंगे, कारोबारी सुगमता में इजाफा होगा और लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो सकेगा।
9. NTPC ने नर्मदा पुनर्स्थापना परियोजना के लिए IIFM-भोपाल के साथ किया समझौता
विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय थर्मल विद्युत निगम लिमिटेड (National Thermal Power Corporation Limited) ने नर्मदा प्राकृतिक सौंदर्य पुनर्स्थापना परियोजना (Narmada Landscape Restoration Project) के कार्यान्वयन के लिए भोपाल स्थित भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (IIFM) साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
IIFM भोपाल, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) के तहत सरकार से सहायता प्राप्त एक स्वायत्त संस्थान है।
एनएलआरपी परियोजना में समान अनुपात में एनटीपीसी लिमिटेड और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) से अनुदान सहायता के साथ साझेदारी है।
IIFM- भोपाल संयुक्त रूप से ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट (GGGI) [मुख्यालय-सियोल, दक्षिण कोरिया] के साथ इस परियोजना को लागू करेगा, जो एक अंतर-सरकारी संगठन है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में स्थायी और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है।
IIFM भोपाल एनटीपीसी, लिमिटेड से अनुदान सहायता के साथ परियोजना में भाग लेगा और वहीं GGGI यूएसएआईडी से वित्त पोषण सहायता के साथ भाग लेगा।
10. कर्नाटक विधानसभा ने मवेशी वध की रोकथाम और संरक्षण विधेयक पारित किया
हाल ही में कर्नाटक विधानसभा ने मवेशी वध की रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक, 2020 को पारित किया, गौरतलब है कि विपक्ष ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। यह बिल अब अनुमोदन के लिए विधान परिषद में जाएगा।
मुख्य बिंदु
बिल पारित होने के बाद मवेशियों का वध, तस्करी, अवैध परिवहन और गायों पर अत्याचार एक संज्ञेय अपराध होगा और इसके लिए तीन से सात साल की कैद हो सकती है है। और इसके लिए 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति पुनः इस विधेयक के तहत दोषी पाया जाता है तो उस पर एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। और उसे सात साल कैद की सज़ा हो सकती है।
भारत में मवेशी वध कानून
2005 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारत के विभिन्न राज्यों में गौहत्या विरोधी कानूनों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। भारत में लगभग 20 राज्यों में वर्तमान में गोहत्या को विनियमित करने के लिए कानून हैं (इसमें पशु वध भी शामिल है)।
भारत के किन राज्यों में गोहत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है?
असम, केरल, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गोहत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, कुछ राज्य बैल वध की अनुमति देते हैं। वे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गोवा, ओडिशा, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार हैं।
धर्म और गौ हत्या
भारत में, गायों को हिंदू धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा पूजा जाता है। उनके अनुसार गोहत्या पाप है। दूसरी ओर, गाय को भारत में ईसाई धर्म, पारसी धर्म और इस्लाम द्वारा मांस का स्वीकार्य स्रोत माना जाता है। हालांकि, कुछ जोरास्ट्रियन गायों और मांस के स्रोत के रूप में इसका इस्तेमाल करने से परहेज करते हैं।
11. सोनू सूद को मिला सम्मान, 50 एशियाई हस्तियों की सूची में टॉप पर
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान असहाय लोगों की मदद करने को लेकर भारतीय अभिनेता सोनू सूद को दक्षिण एशियाई हस्तियों की सूची में शीर्ष स्थान पर नामित किया गया है। इस संबंध में अपनी तरह की पहली और एक अनूठी रैंकिंग बुधवार को यहां जारी की गई। ब्रिटेन के साप्ताहिक अखबार 'ईस्टर्न आई' द्वारा प्रकाशित 'विश्व में 50 एशियाई हस्तियों' की सूची में शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए 47 वर्षीय बॉलीवुड अभिनेता को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। इस सूची के माध्यम से उन कलाकारों को सम्मानित किया गया है, जिन्होंने अपने काम से समाज में सकारात्मक छाप छोड़ी है और लोगों को प्रेरित किया है। सम्मान के प्रति आभार प्रकट करते हुए सूद ने कहा, महामारी के दौरान मुझे एहसास हुआ कि अपने देश के लोगों की सहायता करना मेरा कर्तव्य है। कोविड-19 लॉकडाउन के समय सूद ने भारतीय प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने में सहायता की थी, जिसके लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। ‘ईस्टर्न आई’ के संपादक असजद नजीर ने सूची तैयार की। उन्होंने कहा कि सूद इस सम्मान के हकदार हैं, क्योंकि लॉकडाउन के समय दूसरों की सहायता करने के लिए किसी और हस्ती ने इतना काम नहीं किया।
12. इन्वेस्ट इंडिया ने जीता संयुक्त राष्ट्र का इन्वेस्टमेंट प्रमोशन अवार्ड 2020
जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (United Nations Conference on Trade and Development) ने भारतीय राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एजेंसी, इंवेस्ट इंडिया को वर्ष 2020 के संयुक्त राष्ट्र निवेश प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया है।
इन्वेस्ट इंडिया को 180 वैश्विक निवेश संवर्धन एजेंसियों (Investment Promotion Agencies) में से विजेता चुना गया है।
वर्ष के 2020 संयुक्त राष्ट्र निवेश संवर्धन पुरस्कार के मूल्यांकन का आधार COVID-19 महामारी के लिए IPAs की प्रतिक्रिया थी।
वार्षिक पुरस्कार दुनिया भर में निवेश संवर्धन एजेंसियों (IPAs) की उत्कृष्ट उपलब्धियों और सर्वोत्तम प्रयासों को पहचान और उन्हें सम्मानित करता है।
13. One Nation, One Ration Card: 9 राज्यों ने 'वन नेशन वन राशन कार्ड' सुधार को सफलतापूर्वक पूरा किया
देश में अब तक नौ राज्यों ने वन राष्ट्र, एक राशन कार्ड की व्यवस्था शुरू कर दी है। इस व्यवस्था के शुरू करने के बाद केंद्र सरकार ने 23,523 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड लेने की मंजूरी दे दी है। देश के 9 राज्यों ने सफलतापूर्वक ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को पूरा किया है।
कोरोना महामारी ने देश के सामने जो चुनौतियां लेकर आई हैं, उसको देखते हुए देश की सरकार ने राज्यों को मजबूती देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इसमें से एक यह भी है कि साल 2020-21 सकल राज्य घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत की अतिरिक्त उधार की अनुमति को शामिल किया गया है।
नौ राज्यों ने पीडीएस में सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा किया
अब तक नौ राज्यों ने पीडीएस में सुधारों को सफलतापूर्वक पूरा किया है और वन नेशन वन राशन सिस्टम को लागू किया है। ये राज्य आंध्र प्रदेश, गोवा, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश हैं। इन सुधारों के पूरा होने पर उन्हें 23,523 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी जारी करने की अनुमति दी गई है।
वन नेशन वन राशन कार्ड व्यवस्था को लागू करने के मद्देनजर अतिरिक्त उधारी अनुमति के तहत आवंटित रकम का राज्यवार ब्योरा निम्नलिखित है:
गौरतलब है कि अभी तक देश के नौ राज्यों ने सफलतापूर्वक सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) सुधारों को पूरा किया है। इसी के साथ अपने-अपने राज्यों में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को लागू किया है। वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना को लागू करने वाले राज्यों में गोवा, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश हैं। इसके अतिरिक्त उधारी का पात्र बनने के लिए राज्यों को 31 दिसंबर 2020 तक सुधारों को पूरा करना होगा।
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का उद्देश्य
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का मुख्य मकसद यह था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रवासी श्रमिकों और लाभार्थियों के परिवारों को मिलता रहे। उन्हें देशभर में कहीं पर भी उचित मूल्य पर राशन मिलता रहे। इस योजना के लिए राशन कार्ड की आधार सीडिंग, राज्य की सभी उचित मूल्य की दुकानों पर लाभार्थी के बॉयोमेट्रिक प्रणाली को शुरू किया गया।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना क्या है?
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना में देश में रहने वाली किसी भी नागरिक का एक ही राशन कार्ड होगा। वह कहीं से भी राशन ले सकेगा। इस योजना का फायदा उन लोगों को मिलेगा, जिसके पास राशन कार्ड होगा। राशनकार्ड धारक देश के किसी भी हिस्से की सरकारी राशन दुकान से कम कीमत पर अनाज खरीद सकेंगे।
14. किरेन रिजिजू ने फिट इंडिया साइक्लोथॉन के दूसरे संस्करण का किया शुभारंभ
खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से फिट इंडिया साइक्लोथॉन के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया।
यह मेगा साइकलिंग इवेंट 25 दिनों तक चलेगा, जो 7 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर 2020 तक चलेगा। इसका आयोजन देश भर के प्रत्येक जिले में आयोजित किया जाएगा।
नागरिक फिट इंडिया की वेबसाइट पर पंजीकरण करके इसमें भाग ले सकते हैं।
इसमें प्रतिभागी स्वयं द्वारा तय की दूरी तक प्रतिदिन साइकिल चला सकते हैं, और अपनी साइकिलिंग की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं। साथ ही वे @FitIndiaOff को टैग कर सकते हैं और हैशटैग- FitIndiaCyclothon और #NewIndiaFitIndia का भी उपयोग कर सकते हैं ।
15. केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए सेबी के प्रस्ताव को मंजूरी दी
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सेबी ने भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड और लक्समबर्ग के फाइनेंशियल कमीशन डे सर्विलांस डु सेक्टर फाइनेंसर (CSSF) के बीच एक द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव दिया है।
मुख्य बिंदु
इस समझौता ज्ञापन पर सीमा पार सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से हस्ताक्षरित किया गया है। यह समझौता ज्ञापन प्रतिभूति नियमों के क्षेत्र में सहयोग का प्रयास करता है। यह आपसी सहायता को सुविधाजनक बनाने और पर्यवेक्षी कार्यों के कुशल प्रदर्शन की दिशा में योगदान करने का प्रयास करता है। यह भारत और लक्समबर्ग के प्रतिभूति बाजारों को नियंत्रित करने वाले कानूनों और नियमों के प्रभावी प्रवर्तन को भी सक्षम करेगा।
महत्व
• यह प्रस्तावित द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन सूचना साझाकरण ढांचे को मजबूत करने में योगदान देगा। • यह तकनीकी सहायता कार्यक्रम स्थापित करने में भी मदद करेगा। • यह तकनीकी सहायता कार्यक्रम पूंजी बाजार, क्षमता निर्माण गतिविधियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से संबंधित मामलों पर अधिकारियों को परामर्श प्रदान करेगा।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI)
सेबी 1988 में स्थापित भारत में प्रतिभूति बाजार के लिए सांविधिक नियामक है। इसे सेबी अधिनियम, 1992 के माध्यम से सांविधिक शक्तियां दी गई थीं। इसका मुख्य कार्य प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना, प्रतिभूति बाजार के विकास को बढ़ावा देना और प्रतिभूति बाजार को विनियमित करना है। इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।
फाइनेंशियल कमीशन डे सर्विलांस डु सेक्टर फाइनेंसर (CSSF)
CSSF लक्समबर्ग का नियामक है। यह एक सार्वजनिक कानून इकाई है। इसकी स्थापना दिसंबर 1998 में की गयी थी। यह पूरे लक्समबर्ग वित्तीय केंद्र की देखरेख करता है। हालांकि, यह बीमा क्षेत्र को विनियमित नहीं करता है। CSSF कानूनी रूप से प्रतिभूति बाजार को विनियमित करने और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार है।
16. युलिमर रोहास और मोंडो डुप्लांटिस ने जीता वर्ष 2020 का विश्व एथलीट ऑफ द ईयर खिताब
स्वीडिश पोल वाल्टर मोंडो डुप्लांटिस और वेनेजुएला की ट्रिपल जंपर युलिमर रोहास को वर्ष 2020 के पुरुष और महिला विश्व एथलीट ऑफ द ईयर खिताब से नवाजा गया हैं।
ये वर्चुली घोषित किए गए प्रतिष्ठित एथलेटिक्स पुरस्कार के अपने देश के पहले प्राप्तकर्ता हैं।
डुप्लांटिस सितंबर में 20 साल की उम्र में इतिहास में सबसे अधिक आउटडोर वॉल्ट (6.15m) बनाने से पहले फरवरी में दो बार विश्व रिकॉर्ड (6.17 मीटर और 6.18 मीटर) तोड़ने के बाद पुरुष एथलीट ऑफ द ईयर पुरस्कार के सबसे युवा विजेता हैं।
रोहास ने 15.43 मीटर की छलांग से विश्व इनडोर ट्रिपल जंप रिकॉर्ड तोड़ने के साथ चार ट्रिपल जंप प्रतियोगिताओं में इनडोर और आउटडोर 2020 के साथ सत्र की समाप्ति की है।
17. लक्षद्वीप को 100% जैविक घोषित किया गया
लक्षद्वीप को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जैविक कृषि क्षेत्र घोषित किया गया है। यह 100% जैविक क्षेत्र का दर्जा हासिल करने के लिए सिक्किम के बाद दूसरे स्थान पर है। लक्षद्वीप इस लक्ष्य को हासिल करने वाला भारत का केंद्र शासित प्रदेश है।
मुख्य बिंदु
केंद्र सरकार की परमपरागत कृषि विकास योजना (जैविक खेती सुधार कार्यक्रम) के तहत लक्षद्वीप शासित प्रदेश के पूरे 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को जैविक के रूप में प्रमाणित किया गया है। पिछले 15 वर्षों से लक्षद्वीप में रसायनों और उर्वरकों का कोई शिपमेंट नहीं हुआ है। प्रशासन केवल खाद, पोल्ट्री खाद, हरी पत्ती खाद इत्यादि का उपयोग करके खेती का अभ्यास कर रहा है। लक्षद्वीप ने रसायनों की खरीद के लिए कोई खर्च नहीं किया है।
जैविक खेती क्या है?
इस तकनीक में प्राक्रतिक तरीकों से पौधों की खेती और पशुपालन शामिल है। यह मिट्टी की उर्वरता और पारिस्थितिक संतुलन को बनाये रखने के लिए सिंथेटिक पदार्थों का उपयोग नहीं किया जाता है। जैविक खेती का उद्देश्य अपव्यय और प्रदूषण को कम करना है।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं
• परंपरागत कृषि विकास योजना को भागीदारी गारंटी प्रणाली प्रमाणीकरण के साथ जैविक खेती को बढ़ावा देने के शुरू किया गया था। इसमें प्रशिक्षण, क्लस्टर गठन, विपणन और प्रमाणन शामिल है। • तिलहन और तेल पाम पर राष्ट्रीय मिशन को 26% से 36% तक तिलहन की सिंचाई कवरेज बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था। • सतत आधार पर देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चावल, गेहूं और दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन शुरू किया गया था। इस मिशन के तहत जैव उर्वरकों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।
अन्य राज्य और जैविक खेती
2000 में ऑर्गेनिक फार्मिंग पॉलिसी लॉन्च करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य था। सिक्किम 100% ऑर्गेनिक बनने वाला पहला राज्य था। लाभ: जैविक खेती के मुख्य लाभ निम्न इनपुट लागत, पर्यावरण के अनुकूल, मिट्टी की संरचना में सुधार, बेहतर मूल्य आदि हैं।
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